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डॉ मीनाक्षी मुन्डा कहती हैं- 'आदिवासी युवाओं में नेतृत्व क्षमता कम नहीं, बाधाएं हैं चुनावों में धनबल, तिकड़मबाजी का बोलबाला'। लोकसभा चुनाव 2019 में झारखंड के खूंटी सीट से पिछले दिनों निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुकी डॉ मीनाक्षी ने फैक्ट फोल्ड / न्यूज मेल के संपादक/निर्देशक किसलय से एक खास बातचीत में अपने अनुभव साझा किया।
स्व. डॉ रामदयाल मुंडा की भगिनी और पुराने राजनीतिक्ष स्व. भैय्या राम मुंडा की पोती मीनाक्षी कहती हैं जटिल चुनाव प्रणाली और ईवीएम मशीन जैसे आधुनिक गैजेट अब भी झारखंड के सुदूर ग्रामवासियों के लिए हौव्वा है। उन्हें चुनावों से पहले इस बारे में कोई जानकारी / प्रशिक्षण देनेवाला कोई नहीं। आरोप तो यह भी है कि चुनावों के लिए नियुक्त कर्मचारी और शस्त्रधारी सुरक्षाबल के लोगों की मनमानी ही अधिक चलती है। मीनाक्षी कहती हैं, पिछले कुछ वर्षों में खूंटी अशांत हुआ है। वहां सुरक्षा के नाम पर सरकारी सुरक्षाबल भर दिये गए हैं। आदिवासी संगीनों के साये में चौबीसों घंटे असहज महसूस कर रहे हैं। सुनिये डाॅ मीनाक्षी की पूरी बातचीत इस वीडियो में और अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दीजिए।