Main Points / Brief / Summary
आज हम आपको मिलवाने जा रहे हैं देश के जाने-माने चिंतक, विचारक श्री के एन गोविंदाचार्य से। जी हां, वही गोविंदाचार्य जिनकी अटल जी के जमाने में तूती बोलती थी। भाजपा में राष्ट्रीय महामंत्री रहे गोविंदाचार्य पार्टी के थिंक टैंक माने जाते थे। लेकिन आजकल वह राजनीति की मुख्य धारा से अलग थलग हैं। आरएसएस की गतिविधियों में भी उनकी चर्चा शायद ही सुनने को मिलती है। झारखंड के बहुचर्चित राजनेता सरयु राय के साथ गोविन्दाचार्य की पुरानी दोस्ती है। कहते हैं, वर्ष 1970 से ही दोनों के बीच अच्छी दोस्ती है। पिछले दिनों गोविंदाचार्य एक एनजीओ युगान्तर भारती के कार्यक्रम में रांची आये थे। इसी दौरान फैक्ट फोल्ड के लिए उन्होंने समय निकाला। बातचीत के क्रम में गोविन्दाचार्य ने देश के वर्तमान हालात पर दो टूक विचार रखा। मोदी राज के कई गंभीर फैसले, जैसे धारा 370, सीएए, डिमॉनिटाइजेशन.. आदि पर क्या नजरिया है गोविंदाचार्य का? भारत में मुस्लिमों को लेकर क्या मानना है गोविन्दाचार्य का? मोदी सरकार का नारा 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास..' पर उन्होंने क्या कहा? विपक्षियों को भी नहीं बख्शा। कांग्रेसजन को क्या सलाह दी गोविन्दाचार्य ने? भारत के भविष्य को लेकर किन कारणों से काफी आशान्वित हैं गोविंदाचार्य? राजनीति की मुख्यधारा से क्यों अलग हो गए? क्या अब आरएसएस से भी किनारा कर लिया है उन्होंने? ..तो आज कहां व्यस्त हैं गोविन्दाचार्य? यही नहीं, अंत में उमा भारती जी को लेकर पूछे गए निजी सवाल पर क्या कहा? ..तो सुनिये पत्रकार किसलय के साथ चिंतक-विचारक गोविंदाचार्य की यह बातचीत..