Do you know the PELE of Jharkhand?

by Fact Fold Desk on Sat, 07/27/2019 - 19:45

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झारखंड कोयला लोहा जैसे खनिज ही नहीं खेल प्रतिभाओं का भी खान रहा है। गौरवपूर्ण रहा है इसका खेल इतिहास। इस प्रसंग में हमने अपने पिछले वीडियो में खेल विशेषज्ञ व वरिष्‍ठ पत्रकार सुभाष डे का एक लंबा इंटरव्‍यू पब्लिश किया था। इस वीडियो के ऊपर दाहिने कोने में लिंक है। आप भी देख सकते हैं।

बहरहाल, नमस्‍कार, जोहार!.. आज हम बात करेंगे झारखंड के 'पेले' पर। जीं हां ठीक सुना आपने.. झारखंड का पेले! एक ऐसा आदिवासी फुटबॉलर जो अपने जमाने में खेल प्रेमियों के दिलों पर राज करता था। एक समय आया जब उनपर कई दंतकथायें प्रचलित हो गईं। विशेषज्ञ तो यहां तक कहने लगे, ऐसा फुटबॉलर 'न भूतो न भविष्‍यति', अर्थात ऐसा फुटबॉल खिलाड़ी न पहले पैदा हुआ और न कभी होगा। जी हां, फुटबॉल के जादूगर थे सुधीर तिर्की!

यह बात पिछली सदी के चालीस और पचास के दशकों की है। तब रांची एक छोटी नगरी थी। कहते हैं, जिस दिन लोगों को पता चलता कि आज यहां सुधीर तिर्की का मैच है, पूरा शहर छुट्टियों के मूड में आ जाता। सारी दुकानें बंद हो जाया करतीं। सड़क पर चलनेवालों का एक ही लक्ष्‍य होता वह फूटबॉल ग्राउंड, जहां आज फुटबॉल के उस जादूगर का करिश्‍मा देखने को मिलेगा। और तो और, महिलाओं की बड़ी संख्‍या उस ग्राउन्‍ड में दिखती जहां उनके इस हीरो का मैच चल रहा होता।

लेकिन आज के युवा खेलप्रेमी सुधीर तिर्की के बारे में कितना जानते हैं? दरअसल, आज ही क्‍यों..?.. सुधीर तिर्की को तो उनके अंतिम समय में भी लोगों ने बिसरा दिया था। शारीरिक अस्‍वस्‍थता और पारिवार की तंगहाली!.. टूट गए थे सुधीर दा!.. प्रतिभाओं की कद्र का दंभ भरनेवाली सरकार, नेता, मंत्री, धन्‍ना सेठ.. किसी ने वाजिब सुध नहीं ली सुधीर दा की। 2005 में वह इस दुनिया से विदा हो गए.. अपने कुछ चहेतों, प्रशंसकों को हमेशा के लिए रूआंसा छोड़कर।

आज सुधीर तिर्की के बारे में जानने के लिए हम उनके पुराने घर पर पहुंच रहे हैं। यह है रांची के मेन रोड स्थित गोस्‍सनर कंपाउन्‍ड का एक मोहल्‍ला। सुना है स्‍वर्गीय सुधीर तिर्की की पत्‍नी और बेटियां यहीं रहती हैं। हमारे साथ होंगे जानेमाने खेल पत्रकार सुभाष डे। सुभाष डे झारखंड के खेल जगत पर कई पुस्‍तकें लिख चुके हैं। एक पुस्‍तक 'झारखंड की खेल हस्तियां' में उन्‍होंने सुधीर तिर्की पर बाजाप्‍ता एक पूरा चैप्‍टर तैयार किया है। स्‍वर्गीय तिर्की की फुटबॉल कलाबाजियों पर एक जगह वह लिखते हैं: 
चलिये स्‍वयं सुभाष डे से सुनते हैं सुधीर तिर्की के बारे में उनके संस्‍मरण। और साथ ही हम स्‍वर्गीय सुधीर तिर्की की धर्मपत्‍नी और तीन बेटियों से भी मिलेंगे। ...

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