ईवीएम यानि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर अबतक विपक्षी राजनैतिक दल निशाना साधते रहे हैं, पहले भी ईवीएम में कई गड़बड़ियों के मामले सामने आ चुके हैं, अब आरटीआई से एक और खुलासा हुआ है जिसके मुताबिक कई राज्यों में विधानसभा चुनावों के दौरान ईवीएम चोरी की सैकड़ों घटनाएं सामने आ चुकी हैं। यह मामला सामने आने के बाद 2019 चुनाव से पहले ईवीएम पर बहस फिर चर्चा के केंद्र में आ सकती है, ईवीएम की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो सकते हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, आरटीआई के तहत चुनाव आयोग से मिली जानकारी से यह सनसनी खेज खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, आरटीआई कार्यकर्ता को चुनाव आयोग से मिले जवाब में पता चला है कि तीन राज्यों- छत्तीसगढ़, गुजरात और मध्य प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनावों में ईवीएम चोरी के कम से कम 70 मामले हुए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात में 2007 के एक मामले में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षक अपने एक साथी को ईवीएम सौंपने के बाद लंच के लिए चला गया था। बाद में उसके लौटने पर वहां से ईवीएम मशीन गायब थी। फिलहाल, मामले की जांच की जा रही है और इस मामले में लाई डिटेक्टर टेस्ट भी किया जा चुका है। बता दें कि ईवीएम की टेम्पर-प्रूफ टेक्नॉलजी को लेकर कुछ विपक्षी पार्टियां शंका जता चुकी हैं।
यह जानकारी सामने आने के बाद ईवीएम की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर से सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन सभी आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा है कि वह ईवीएम की निगरानी के लिए कड़े प्रोटोकॉल का पालन करता है और इन मशीनों को लूटे जाने की स्थिति में इन्हें कबाड़ में डाल दिया जाता है और इनका दोबारा इस्तेमाल नहीं होता।
इस मामले में चुनाव आयोग के उप आयुक्त सुदीप जैन ने टीओआई को को बताया कि गुजरात को छोड़कर ये मामले चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों से लूट के हैं, चोरी के नहीं। नक्सलियों और असामाजिक तत्वों की ओर से चुनाव प्रक्रिया में रुकावट पैदा करने के लिए ईवीएम को लूटा गया था। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी मामलों में कानून की निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाता है। (साभार: सबरंंग)