Main Points / Brief / Summary
नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा(एलएसी) पर चीनी सेना के घुसपैठ को लेकर मोदी सरकार हमेशा इनकार करती रही है। इसपर भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी आए दिन केंद्र पर निशाना साधते रहते हैं। वहीं मंगलवार को एक बार फिर से स्वामी ने भारत चीन सीमा विवाद को लेकर सरकार पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सवाल किया कि क्या सच में भारतीय सीमा में कोई नहीं आया?
बता दें कि स्वामी ने अपने ट्वीट में एक खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए हैरानी जताई और लिखा, “सचमुच में? भारतीयों को आश्वासन दिया कि कोई नहीं आया था, तो क्या यह सिर्फ मीडिया की कल्पना है?”
दरअसल स्वामी ने जिस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, उसमें लिखा है कि पिछले साल लद्दाख सेक्टर में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारत के साथ बने गतिरोध के बाद अरुणाचल प्रदेश में विवादित सीमा के संवेदनशील इलाकों में गश्त तेज कर दी है। इसको लेकर सुब्रमण्यम स्वामी ने सरकार पर निशाना साधा है। मालूम हो कि चीनी सेना की घुसपैठ को लेकर सरकार इनकार करती रही है।
बता दें कि भाजपा सांसद अपनी ही सरकार पर इससे पहले भी निशाना साधते रहे हैं। इसले पहले भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच चीन द्वारा अपनी सुरक्षा के लिए बनाए गए नये कानून पर भी उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोला था।
चीन के नए कानून के मुताबिक सीमा सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाले किसी सैन्य टकराव या युद्ध की स्थिति में चीन अपनी सीमाएं बंद कर सकता है। बता दें कि इस कानून में जो इलाके सीमा से जुड़े होंगे उनमें ‘निर्माण कार्यों’ को और बेहतर किया जाएगा।
इसको लेकर सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘लद्दाख और अरुणाचल की जमीन मोदी सरकार चुपचाप चीन के हाथों खोती जा रही है। इसके अलावा चीन के कारण कई पड़ोसी देशों से भी भारत की दोस्ती कमजोर पड़ गई। जल्द ही पाकिस्तान और अफगानिस्तान भी कश्मीर में आतंकी युद्ध की तैयारी कर रहे हैं। यह सब मास्टरस्ट्रोक नहीं कहा जा सकता।’
उन्होंने लिखा था, ‘आप नेहरू को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। बीजेपी को वोट इसलिए दिया गया था कि वो इस गलती को सुधारें न कि इस मुद्दे को और खराब कर दें।’ बता दें, 14 देशों के साथ चीन की तकरीबन 22 हज़ार किलोमीटर लंबी सीमा लगती है।