नई दिल्ली: कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बुधवार को एयर इंडिया में 49 फीसदी विनिवेश करने और एकल-ब्रांड के खुदरा कारोबार में सौ फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी देने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार को एयर इंडिया सौदे को लेकर स्पष्ट करना चाहिए कि क्या राष्ट्रीय विमानसेवा कंपनी की लाखों करोड़ की परिसंपत्ति और इसके रूट राइट भी निवेशक को हस्तांतरित किए गए हैं।
शर्मा ने कहा कि कांग्रेसनीत यूपीए सरकार ने जानबूझकर एयर इंडिया को एफडीआई के दायरे से बाहर रखा था, हालांकि तत्कालीन सरकार ने नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में 49 फीसदी एफडीआई की अनुमति प्रदान की थी।
आनंद शर्मा ने कहा, "यह सच है कि राष्ट्रीय विमान सेवा प्रदाता कंपनी के सामने चुनौतियों हैं लेकिन ऐसी चुनातियों अन्य एयरलाइन कपंनियों के सामने भी हैं। हमें सरकार के फैसलों की पड़ताल करनी है।"
उन्होंने कहा, "एयर इंडिया के पास देश-विदेश में लाखों करोड़ की परिसंपत्तियां हैं। सरकार को देश को बताना चाहिए है इस नीति से क्या होगा। ऐसी स्थिति पैदा न करें कि एयर इंडिया को औने-पौने के दाम बेच दिया जाए और उसके साथ इसके द्विपक्षीय रूट राइट भी चले जाएं।"
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी विदेशी विमान कंपनियों को एयर इंडिया में 49 फीसदी निवेश की मंजूरी के फैसले का जोरदार विरोध किया है।
एकल-ब्रांड में 100 फीसदी एफडीआई पर भी कांग्रेस और माकपा ने सरकार के फैसले का विरोध किया।
आनंद शर्मा ने कहा, "मुझे नहीं लगता है कि इससे बहुत बदलाव आएगा क्योंकि दुनिया के तकरीबन सभी प्रमुख ब्रांड पहले से ही यहां हैं और उनको सौ फीसदी एफडीआई की अनुमति पहले ही दी जा चुकी है।"