लोकसभा सीटों पर आगे निकली कांग्रेस, राज्यसभा की 2 सीटों का भी फायदा

by admin on Fri, 12/22/2017 - 16:06

जालन्धर: : कांग्रेस हाल ही में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भले ही राज्य में सरकार न बना सकी हो लेकिन यदि विधानसभा चुनाव के नतीजों का लोकसभा सीटों के लिहाज से विश्लेषण किया जाए तो कांग्रेस ने गुजरात की 26 में से 9 लोकसभा सीटों पर भाजपा के मुकाबले बढ़त बना ली है। इसके साथ ही पार्टी को अगले साल होने वाले राज्यसभा चुनावों के दौरान भी 2 सीटों की बढ़त हासिल हो सकती है। 2014 के लोकसभा चुनाव में गुजरात से कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था और भाजपा ने करीब 60.11 प्रतिशत वोट हासिल करते हुए राज्य की सारी 26 लोकसभा सीटों पर कब्जा कर लिया था लेकिन इन चुनावों ने कांग्रेस को गुजरात की कच्छ, बनासकांठा, पाटन, मेहसाना, सुंदरनगर, साबरकांठा, आणंद, जूनागढ़ और अमरेली लोकसभा सीटों पर भाजपा के मुकाबले बढ़त दिला दी है। भाजपा पिछले चुनाव के दौरान इन 9 में से 4 सीटों पर 2 लाख से ज्यादा मतों के अंतर से जीती थी जबकि 3 सीटों पर भाजपा की जीत का अंतर 1 लाख से ज्यादा रहा था। पार्टी को 2 सीटों पर 50 हजार से ज्यादा की लीड मिली थी। गुजरात की इस जीत के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का हौसला बढ़ेगा।

इन 6 राज्यों में टक्कर में आई कांग्रेस
गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस भाजपा के साथ सीधे मुकाबले वाले 6 राज्यों की 100 लोकसभा सीटों पर टक्कर में आ गई है। पार्टी को पिछली बार राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की 100 लोकसभा सीटों में से सिर्फ 3 सीटें हासिल हुई थीं और एकतरफा मुकाबले में भाजपा ने 97 लोकसभा सीटों पर कब्जा कर लिया था। कांग्रेस को मध्य प्रदेश में 2 और छत्तीसगढ़ में 1 सीट ही हासिल हो सकी थी जबकि राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पार्टी का खाता भी नहीं खुल सका था। बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में भाजपा राजस्थान में कमजोर होती जा रही है क्योंकि हाल ही में हुए पंचायतों के उपचुनावों में कांग्रेस भाजपा पर भारी पड़ी है।

25 सीटों पर नोटा ने बिगाड़ा खेल, 14 पर भाजपा हारी, 11 पर कांग्रेस
गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों के विश्लेषण से रोचक तथ्य सामने आ रहे हैं। सबसे अहम रोचक तथ्य नोटा से जुड़ा हुआ है। नोटा के कारण गुजरात की 182 सीटों में से 25 सीटों का परिणाम प्रभावित हुआ है। भाजपा ने नोटा के कारण 14 सीटें गंवा दीं जबकि कांग्रेस को भी 11 सीटों का नुक्सान हुआ है। माना जा रहा है कि भाजपा से नाराज चल रहे वोटरों ने पार्टी के उम्मीदवारों को वोट देने की बजाय नोटा का बटन दबा दिया जिससे भाजपा के उम्मीदवार चुनाव हार गए। 

भाजपा जिन सीटों पर 4000 से ज्यादा मतों से भी हारी है वहां पर नोटा की संख्या भाजपा की हार के अंतर से ज्यादा रही है। यही स्थिति कांग्रेस के साथ भी हुई है। कांग्रेस भी 11 ऐसी सीटों पर चुनाव हार गई जहां पर उसकी हार के अंतर से ज्यादा संख्या नोटा की है।

भाजपा छोटा उदयपुर, दांगस, देवदर, दसादा, धनेसा, जमजोधपुर, कपारदा, मानसा, मोदासा, मोरबा, सौजित्रा, तलाजा, वांकानेर और लूनावाड़ा सीटों पर नोटा के कारण हारी है जबकि कांग्रेस वीजापुर, हिम्मतनगर, ढोलका, राजकोट (ग्रामीण), पोरबंदर, बोतड़, गोधरा, उमरेठ, फतेहपुरा, दभोई और वागरा सीटों पर नोटा के कारण हार गई। (साभार: पंजाब केसरी)

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