नई दिल्ली: समाजसेवी अन्ना हजारे ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने का वादा पूरा न करने का अरोप लगाया और 'लोकपाल विधेयक' लागू करने के लिए कुछ नहीं करने के लिए आंदोलन की धमकी दी।
अन्ना ने महात्मा गांधी की 148वीं जयंती पर राजघाट पर दिनभर का सत्याग्रह किया और राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने मोदी को एक पत्र भी लिखा।
मोदी को लिखे पत्र में अन्ना ने कहा कि तीन वर्षो तक सत्ता में रहने के बाद भी प्रधानमंत्री ने लोकपाल और लोकायुक्त कानून लागू नहीं किया और इसके बदले भ्रष्टाचार निरोधक कानून को कमजोर करने के लिए 'जल्दी' से विधेयक पारित कर दिया गया।
अन्ना ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने एक लोकपाल की नियुक्ति के लिए एक आंदोलन शुरू किया था। यह अभी भी अधूरा है। एक और आंदोलन की जरूरत है। सरकार न सिर्फ लोकपाल नियुक्त करने में विफल रही, बल्कि उसने इस कानून (लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम 2013) को कमजोर कर दिया है।"
अन्ना ने कहा कि वह मौजूदा वर्ष के अंत में या अगले वर्ष के प्रारंभ में आंदोलन शुरू करेंगे।
उन्होंने कहा, "आंदोलन के दौरान किसी पार्टी या उसके किसी सदस्य को मंच पर आने की अनुमति नहीं होगी। यदि कोई आंदोलन में शामिल होना चाहता है तो उसे जनता के बीच बैठ सकता है।"
अन्ना ने कहा कि उनके स्वयंसेवक आंदोलन की रूपरेखा पर चर्चा के लिए महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धि पहुंचेंगे।
मोदी को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि इससे पहले लोकपाल के दायरे में आने वालों को अपने और अपने परिजनों की संपत्ति को घोषित करने का प्रावधान था। पिछले वर्ष जुलाई में पारित विधेयक के अनुसार इससे परिजनों को बाहर कर दिया गया।
उन्होंने प्रधानमंत्री पर एक या दूसरे बहाने बनाकर भ्रष्टाचार निरोधक कानून लागू नहीं करने का आरोप लगाया।
हजारे ने कहा, "इससे पता चलता है कि आपका लोकपाल और लोकायुक्त कानून लागू करने का इरादा नहीं है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है कि भ्रष्टाचार समाप्त करने और देश में लोकतंत्र स्थापित करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। इसके बदले लोकतंत्र को कमजोर करने और पार्टी को मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि इससे व्यथित होकर मैं महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर देश के लिए प्रार्थना करता हूं और उनके कदमों पर चलते हुए सत्याग्रह शुरू करूंगा।
हजारे ने कहा कि मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आम लोगों से किसानों की आत्महत्या रोकने, कृषि उत्पाद के लिए उचित दाम, महिलाओं की सुरक्षा एवं समाज के सभी वर्गो की सभी समस्याओं को समाप्त करने समेत कई वादे किए थे।
उन्होंने चिट्ठी में कहा कि मोदी ने सत्ता में आने के बाद 30 दिनों के अंदर कालाधन लाने की बात कही थी।
हजारे ने कहा, "लेकिन न लोकपाल व लोकायुक्त की नियुक्ति की गई, न नागरिक चार्टर लागू किया गया। न तो विदेशों से काला धन आ पाया और न नोटबंदी के द्वारा देश के अंदर काले धन को उजागर किया गया। किसानों की आत्महत्या रुकने के बदले बढ़ती गई। उन्हें अपने उत्पादों के सही मूल्य नहीं मिल रहे हैं और स्वामीनाथन रपट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।"
हजारे ने कहा कि महिलाओं को उचित सुरक्षा, सम्मान और न्याय नहीं मिल रहा है और जहां तक भ्रष्टाचार की बात है, यह दिनों दिन बढ़ता जा रहा है।