पद्मावती विवाद: साढ़े सात करोड़ वोटों के लिए सियासी गणित

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नई दिल्ली: आखिर पद्मावती पर इतना विवाद क्यों है? क्या ये सारा बवाल राजपूत वोटों के लिए हो रहा है? ये सवाल इसलिए क्योंकि देश के हर राज्य में राजपूत मतदाताओं के वोट काफी मायने रखते हैं और शायद इसी सियासी गणित के कारण पद्मावती मु्द्दे पर राजनीति हो रही है।

शिवराज सिंह चौहान पद्मावती को राष्ट्रमाता बता चुके हैं तो वहीं राजस्थान, हरियाणा और यूपी सरकार भी पद्मावती मामले पर अपना रुख साफ कर चुकी है। ममता बनर्जी जरूर फिल्म के पक्ष में खड़ी नज़र आ रही हैं लेकिन क्या इसके पीछे उनकी अपनी राजनीति है?

पद्मावती फिल्म के विरोध ने अब नया मोड़ ले लिया है, राजपूतों के विरोध के बीच सियासी दल भी अपने अपने हिसाब से बैटिंग करने में जुट गए हैं। यूपी के रामपुर में समाजवादी पार्टी नेता आजम खान ने बीजेपी को घेरने के लिए जोधा अकबर तक का इतिहास खंगाल डाला।

उन्होंने कहा, अकबर तो हमारा नहीं था मगर जोधाबाई तो तुम्हारी थीं। क्यों दे दी, मैंने तो नहीं कहा था समाजवादी पार्टी ने भी नहीं कहा था। आज अकबर के गुनाहों की सजा हमें भी मिल रही है।

इसके बाद आजम खान बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी के परिवार तक पहुंच गए और पूछा कि मुसलमानों को दामाद बनाने वाले स्वामी को उनसे इतनी नफरत क्यों है? आजम ने कहा, स्वामी जी आपने तो बेटी दे दी फिर भी मुसलमानों को गद्दार कह दिया। स्वामी जी देश की फ़िक्र के साथ साथ अपने परिवार की भी फ़िक्र करो।

मुस्लिम विरोधी छवि वाले बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी पद्मावती के विरोधियों की कतार में सबसे आगे हैं। जिनका दावा है कि वो ये फिल्म रिलीज नहीं होने देंगे। सिर्फ बीजेपी ही नहीं फिल्म पर सवाल उठाने वालों में कांग्रेस के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी शामिल हैं। दरअसल पद्मावती के बहाने हर कोई राजपूतों की राजनीति साधने में लगा है।

– आरोप है कि इसके पीछे गुजरात चुनाव भी एक वजह है
– गुजरात में 17 से 18 जिलों में करीब 10% मतदाता राजपूत हैं
– ये वोटर 20 से 25 सीटों पर जीत और हार तय करते हैं
– यूपी में भी निकाय चुनाव चल रहे हैं जहां 10 से 11% राजपूत मतदाता हैं
– राजस्थान में अगले साल चुनाव होना है जहां 7-8% वोटर राजपूत हैं
– एमपी में भी अगले साल चुनाव हैं जहां 7-8% राजपूत 40-45 सीटों पर अहम रोल निभाते हैं

देश में राजपूतों की आबादी 7।5 करोड़ है। जो कुल आबादी का 5% हैं। यूपी में सबसे ज्यादा 1।5 करोड़ राजपूत हैं। जो 100 सीटों पर निर्णायक हैं। शायद इसी सियासी गणित की वजह से नेताओं की जुबान आउट ऑफ कंट्रोल हो गई है।

फिल्म पद्मावती फिल्म पर आरोप है कि इसमें इतिहास से छेड़छाड़ की गई है। राजपूतों और करणी सेना का मानना है कि ​फिल्म में पद्मिनी और खिलजी के बीच आपत्तिजनक सीन फिल्माए जाने से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है लिहाजा फिल्म को रिलीज से पहले राजपूत प्रतिनिधियों को दिखाया जाना चाहिए।

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