रांची: झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने राशन वितरण में ई पौस मशीन के इस्तेमाल पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये मानसिकता हो गयी है कि मशीन ही मास्टर है और राज्य सरकार इसका वाह वाही ले रही है. उन्होंने कहा कि मशीन को भी लोग अपने हिसाब से चला लेते हैं. उन्होंने राशन कार्ड बनवाने लिए चलाई जा रही ऑनलाईन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि आम लाभुक यह नहीं समझता है. उन्होंने कहा कि गाँव के बिलकुल वंचित लोगों को लाभार्थियों की सूची में शामिल करने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि सरकार के क्रिया कलाप में आलोचना का अंग भी शामिल होना चाहिए. श्री राय भोजन का अधिकार अभियान द्वारा भूख और कुपोषण पर दो दिवसीय कार्यशाला के अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि सामाजिक अंकेक्षण का स्वतंत्र निदेशालय होना चाहिए. उन्होंने कहा कि विकास सम्बन्धित आंकड़े धोखा देने वाले है. भूख और कुपोषण पर काम करने वाले लोगों की भावना को जमीन पर उतारने की जरुरत है.
इस अवसर पर खाद्य सुरक्षा मामले में सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व राज्य सलाहकार बलराम ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून के अंतर्गत मात्र पाँच किलो अनाज प्रति व्यक्ति का प्रावधान है जबकि प्रति व्यक्ति 14 किलो अनाज की जरुरत होती है. उन्होंने कहा कि आदिम जन जातियों के लिए डाकिया योजना में पैकेजिंग सही ढंग से नहीं हो रहा है.डीबीटी पायलट एक समयावधि में होना चाहिए. इसके परिणाम का इमानदारी से विश्लेषण करना चाहिए.
इस अवसर पर जवाहर मेहता एवं बबीता ने खाद्य विविधता के बारे में जानकारी दी. कार्यक्रम का संचलान जेम्स हेरेंज ने किया.
कार्यक्रम में सश्मिता, अशर्फी नन्द प्रसाद, अनन्या, गुरजीत, अफज़ल अनिस इत्यादि ने भी अपने विचार रखे.