अमरावती: अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए जाने की अटकलों के बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) सांसदों से कहा कि 'हमारे खिलाफ साजिश रची जा रही है।' तेदेपा प्रमुख ने सांसदों व पार्टी के शीर्ष नेताओं को सतर्क रहने और किसी भी मुश्किल का सामना करने के लिए तैयार रहने की सलाह दी।
पार्टी के सांसदों के साथ संसद के घटनाक्रम की जानकारी लेने के लिए एक टेलीकांफ्रेंस में नायडू ने फिर से शंका जताई कि भाजपा उन्हें, उनके बेटे नारा लोकेश व दूसरे तेदेपा नेताओं पर मामला लगाकर निशाना बना सकती है क्योंकि वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग)से बाहर निकल गए हैं।
तेदेपा प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा दक्षिण भारत में राजनीतिक नेतृत्व को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि एक मजबूत तेदेपा का मतलब मजबूत आंध्र प्रदेश है, लेकिन वाईएसआर कांग्रेस पार्टी व जन सेना का इस्तेमाल कर पार्टी को कमजोर करने की कोशिश हो रही है।
नायडू ने आरोप लगाया कि 'भाजपा ने जो तमिलनाडु में किया उसे आंध्र प्रदेश में दोहराकर राज्य को राजनीतिक रूप से अस्थिर करने की कोशिश कर रही है।'
भाजपा, वाईएसआर कांग्रेस व जन सेना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "मैं राजनीति में लोगों की सेवा करने के लिए आया हू, साजिश रचने के लिए नहीं। इस बात को तीनों पार्टियों को दिमाग में रखना चाहिए।"
नायडू की टिप्पणी तीनों पार्टियों के तेदेपा सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने को लेकर आई है। इन आरोपों में नायडू व उनके बेटे लोकेश को निशाना बनाया जा रहा है। लोकेश नायडू सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।
भाजपा नेता विष्णु कुमार राजू ने गुरुवार को तेदेपा सरकार पर पट्टीसीमा परियोजना में भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया और नियंत्रक व लेखा महापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट का हवाला दिया।
विधानसभा में नायडू ने जवाबी हमला करते हुए कहा कि उसी सीएजी ने मोदी सरकार में कई मुद्दों पर गलतियां पाई हैं।
नायडू ने तीनों पार्टियों पर पोलावरम परियोजना में इसी तरह का आरोप लगाने पर निंदा की।
उन्होंने कहा, "जब हम राजग में थे तो कोई भ्रष्टाचार के आरोप नहीं थे। राजग को छोड़ने के बाद कैसे हम अचानक भ्रष्टाचारी हो गए।"
तेदेपा आंध्र प्रदेश के विशेष दर्जे से इनकार व 2014 में राज्य के विभाजन के समय की गई दूसरी प्रतिबद्धताओं की की मांग को नहीं माने जाने के बाद राजग से बाहर हो गई है।
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