कांग्रेस ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के चलते जीडीपी दर में दो फीसदी गिरावट की आशंका जताई थी, जो सच साबित हुई।
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने तंज कसते हुए कहा, एक अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे और अब एक प्रचारशास्त्री नरेंद्र मोदी हैं। सरकार में शामिल अयोग्य लोगों की वजह से अर्थव्यवस्था चरमरा रही है। आनंद शर्मा ने जीडीपी के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तिमाही में जीडीपी 5.7 बताई जा रही है। यदि पुरानी प्रक्रिया से हिसाब लगाए जाए तो जीडीपी 4.3 प्रतिशत ही होगी।
कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार पिछले दस सालों के जीडीपी के आंकड़े नई और पुरानी पद्धति से पेश करे तो यूपीए सरकार और वर्तमान सरकार का अंतर पता चलेगा। शर्मा का कहना है कि यूपीए सरकार अर्थव्यवस्था को जहां छोड़कर गई थी, उसमें गिरावट हुई है। यूपीए में 33 फीसदी निवेश था जो 26 से नीचे चला गया है। उद्योगों और निजी क्षेत्र को कर्ज 63 सालों में सबसे कम है। नए उद्योग माइनस में हैं और उनकी 35 फीसदी क्षमता का उपयोग नहीं हो रहा है। नौकरियों के नए अवसर नहीं हैं। कांग्रेस ने सरकार से पूछा है कि राष्ट्रीय बैंकों के 12 लाख करोड़ के एनपीए पर क्या कर रही है।