रांची: झाविमो (झारखंड विकास मोर्चा) के छह विधायकों द्वारा दलबदल कर भाजपा में शामिल होने का मामला अब तीन साल बाद एक बार फिर से गर्म हो गया है। उन छह विघायकों के दलबदल के पीछे खरीद फरोख्त किये जाने का दावा करते हुए झाविमो (झारखंड विकास मोर्चा) ने शुक्रवार को रांची में प्रेस और मीडिया के सामने एक जबरदस्त खुलासा का दावा किया है। झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने पत्रकारों को एक पत्र की प्रतिलिपि प्रभाण के तौर पर जारी करते हुए बताया है कि किस तरह भाजपा ने उन छह विधायकों को 11 करोड़ में खरीदा। दरअसल, वह पत्र झारखंड भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष व किसान मोर्चा के राष्ट्रींय उपाध्यक्ष व सांसद डॉ रवीन्द्र कुमार राय ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को 19 जनवरी 2015 को लिखा था। पत्र के अनुसार पांच विधायकों को दो-दो करोड़ और एक को एक करोड़ राशि दी गई। राशि उपलब्ध करानेवालों में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास के अलावा मंत्री सी पी सिंह, राज्य सभा सांसद महेश पोद्दार सहित अन्य सांसद-विधायक का नाम शामिल है। पत्र में डॉ राय ने बताया है कि इस कार्य को अन्जाम दिये जाने का आदेश उस समय के झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रभारी और वर्तमान में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दिया था।
पत्र में डॉ राय ने उन आधे दर्जन लोगों के नाम का उल्लेख भी किया है जिनकी निगरानी में वह राशि भाजपा में शामिल होनेवाले विधायकों को उपलब्ध करायी गई, जिसमें सांसद एवं पार्टी की ओर से कई बड़े संस्थानों में पदस्थापित नेताओं का नाम शामिल है। अपने उस पत्र में डॉ राय ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यकक्ष को यह भी बताया है कि राशि प्राप्त करनेवाले सभी दलबदलू विधायकों ने प्राप्ति रशीद (Money Receipt) उपलब्ध करायी है जो मुख्यमंत्री रघुवर दास को सौंप दी गई है।
झाविमो सुप्रीमो मरांडी ने प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि उन्हें उसी समय (तीन साल पहले) यह खबर लगी थी कि भाजपा ने उनके उन छह विधायकों को अपनी पार्टी में लाने के लिये भारी राशि खर्च की है। वह तभी से इसका प्रमाण जुटाने में लग गए थे और अब जाकर यह पत्र उनके पास पहुंचा है। झाविमो के टिकट पर जीतकर आये इन विधायकों में से दो को मंत्री और तीन को बोर्ड निगम पर वरिष्ठ पद भी दिया गया था। झाविमो की टिकट पर जीतकर आये जिन छह विधायकों ने इस दलबदल में हिस्सा लिया उसमें गणेश गंझु, रणधीर कुमार सिंह, नवीन जायसवाल, अमर कुमार बावरी, आलोक कुमार चौरसिया एवं जानकी यादव शामिल हैं। मरांडी ने बताया कि शुक्रवार को उनकी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल झारखंड के राज्यपाल से मिलकर उस पत्र में शामिल नामवाले सभी लोगों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। साथ ही इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग भी की है। मरांडी ने कहा, चूंकि इस पूरे में मुख्यमंत्री रघुवर दास की बड़ी भूमिका है इसलिये वह उनकी बर्खास्तगी की मांग भी करते हैं। मरांडी ने कहा कि अब हमलोग चुप नहीं रहेंगे। अगर इस स्तर से कार्रवाई नहीं हुई तो उनका एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही राष्ट्रपति से मिलकर न्याय की गुहार लगायेगा।
पत्र के अनुसार- जिन लोगों ने राशि उपलब्ध करायी उसमें सांसद सुनील सिंह, महेश पोद्दार, चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह, विरंची नारायण, अनंत ओझा एवं रघुवर दास का नाम है। जिनकी निगरानी में राशि प्रदान की गई उसमें राकेश प्रसाद, दीपक प्रकाश, प्रदीप कुमार वर्मा, संजय सेठ, उषा पांडे एवं राजेंद्र सिंह का नाम है।
पत्र की प्रतिलिपि हम इस रिपोर्ट के साथ शामिल कर रहे हैं।