मुंबई: महात्मा गांधी ने खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के 2018 के कैलेंडर में वापसी की है लेकिन उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ स्पेस साझा करना पड़ा है। मोदी ने हालांकि केवीआईसी डायरी में राष्ट्रपिता की जगह ले ली है।
साल 2017 से उलट, इस वर्ष महात्मा गांधी को केवीआईसी के प्रतिष्ठित दीवार कैलेंडर में ऊपरी स्थान मिला है, जहां मोदी कवर पेज पर अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ उनके नीचे चमक रहे हैं।
केवीआईसी की 653वीं बोर्ड की बैठक मंगलवार को अहमदाबाद में हुई जहां कुछ चयनित लोगों के समक्ष वर्ष 2018 की कैलेंडर और डायरी को आधिकारिक रूप से जारी किया गया।
पिछले वर्ष मोदी को केवीआईसी की डायरी और दीवार कैलेंडर में गांधीजी को हटाकर स्थान दिया गया था, जिसकी काफी आलोचना हुई थी।
इस वर्ष गांधीजी ने हालांकि कैलेंडर में वापसी की है जिसमें एक आश्चर्यजनक बढ़ोतरी केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) राज्य मंत्री गिरिराज सिंह के रूप में हुई है जिनको प्रधानमंत्री के बगल में स्थान दिया गया है।
फरवरी 2017 में चौतरफा आलोचना के कारण सरकार को हुई शर्मिदगी के बाद एमएसएमई मंत्रालय ने केवीआईसी प्रबंधन पर इसकी डायरी और कैलेंडर में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर के अनाधिकृत प्रयोग का ठीकरा फोड़ा था।
बाद में केवीआईसी ने इस पर संज्ञान लेते हुए दिशानिर्देश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि केवीआईसी अपने ईयरबुक या कैलेंडर में किसी अतिविशिष्ट व्यक्ति की तस्वीर लगाने, जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से सीधी मंजूरी भी शामिल है, को मंत्रालय के जरिए ही करे।
इस वर्ष केवीआईसी ने हालांकि इस संबंध में अतिरिक्त एहतियात बरती, सभी दिशानिर्देशों का पालन किया और तस्वीर लगाने से पहले पीएमओ की मंजूरी ली है।
केवीआईसी के चेयरमैन वी.के. सक्सेना ने इसकी पुष्टि भी की है।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, "हां, हमने हाल ही में 2018 की डायरी और कैलेंडर जारी किए हैं। मुख्य पृष्ठ पर प्रधानमंत्री मोदीजी की तस्वीर कवर पेज पर है। गांधीजी हमेशा हमारे मध्य रहते हैं।"
इस वर्ष भी मोदी एक क्रीम कुर्ता और चूड़ीदार पायजामे के साथ गांधीजी की मूल क्लासिकल पोज में चरखा चलाते दिख रहे हैं। वहीं गांधीजी को चरखा चलाते हुए उनके पारंपरिक श्वेत-श्याम तस्वीर में मुख्य पृष्ठ पर दिखाया गया है।
पिछले वर्ष संस्थान के कुछ गुस्साये कर्मचारियों ने गांधीजी की तस्वीर हटाने के खिलाफ मुंबई और अन्य जगहों पर गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन किया था। बाद में इनमें से कईयों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी, जिसे बाद में हटा लिया गया था।
सूत्रों ने बताया, इस वर्ष कर्मचारियों ने प्रदर्शन की योजना नहीं बनाई है लेकिन वे लोग गांधीजी से जुड़े कई राष्ट्रीय प्रतीकों से 'उन्हें क्रमानुसार हटाने' के प्रयास से खुश नहीं हैं। -कायद नजमी