रांची: पशुपालन घोटाले में लालू यादव, जगन्नाथ मिश्र जैसे मुख्य मंत्री ही नहीं कई बड़े आइएएस और मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी भी सीबीआई के शिकंजे में हैं। यह अलग बात है कि खुलासा थोड़ी देर से हो रहा है। हालिया घटनाक्रम में यह खुलकर सामने आया है कि झारखंड की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा और वित्त सचिव सुखदेव सिंह का नाम भी सीबीआई की लिस्ट में रहा है, लेकिन शायद अपनी लॉबी के प्रभाव के कारण ये बचते रहे हैं।
झारखंड की मुख्य सचिव तो अगले महीने सेवानिवृत भी हो जातीं, लेकिन सरकार ऊपर का दबाव नहीं झेल सकी और गुरूवार 4 जनवरी 2018 को झारखंड कार्मिक विभाग ने अपने ही मुख्य सचिव राजबाला को नोटिस थमा दिया। नोटिस में कहा गया है कि राजबाला पंद्रह दिनों में जवाब दें कि साल 1990-91 के दौरान जब वो पश्चिमी सिंहभूम की उपायुक्त थीं तब उन्होंने चारा घोटाले में लापरवाही क्यों बरती थी और उस मामले में क्यों नहीं अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाय? हालांकि वर्मा रघुबर दास की भी पसंदीदा अधिकारी रही हैं।
इधर सरकार द्वारा पूछताछ के बाद राज्य के वर्तमान वित्त सचिव सुखदेव सिंह ने पत्र लिखकर सरकार से अनुरोध किया है कि वह उनका िविभाग बदल दे। लेकिन बजट सत्र िनिकट होने के कारण सरकार अभी इस मामले को टाल सकती है।
गुरूवार को झारखंड के खाद्य-आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने प्रेस मीडिया को दिये एक बयान में बताया कि उन्होंने इस बाबत मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था कि जब शीर्ष पर बैठे अधिकारी के आचरण पर संदेह है तो राज्य की नौकरशाही पर नियंत्रण कैसे होगा।