एनएसडी दिल्ली से अभिनय की शिक्षा हासिल कर चुके आदिवासी रंगकर्मी काजल मुन्डू की चाह है कि वे झारखंड की सामाजिक समस्याओं और इतिहास पुरूषों पर नाटक तैयार करें जिसका मंचन शहर ही नहीं ग्रामीण इलाकों में भी व्यापकता से किया जा सके। बीआइटी मेसरा से इंजीनियरिंग कर चुके काजल का कहना है कि अभिनय एक तपस्या है। जिस तरह इंजीनियरिंग करना या आइएएस कम्पीट करना सरल नहीं उसी तरह है अभिनय में पारंगत होना भी अनवरत प्रक्रिया है। काजल मुंडू से बात कर रहे हैं झारखंड के साहित्यकार महादेव टोप्पो। पूरी बातचीत सुनिये इस वीडियो में।
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