रोजगार के नाम पर म.प्र. से आइटीआई पास युवाओं को अन्‍य प्रदेशों में बंधुआ बना रही है सरकार

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मध्‍य प्रदेश में शिवराज सरकार राज्य कौशल विकास और रोजगार निर्माण बोर्ड के नाम से रोजगार मेले आयोजन करके ठेकेदार बन प्रदेश के आदिवासी युवाओं को सस्ता बंधुआ मजदूर बनाकर तमिलनाड, पंजाब और राजस्थान की फैक्टोरीयों में भेज रही है। रोजगार बोर्ड के माध्यम से आयोजित इन रोजगार मेलों में कलेक्टर के माध्यम से आदिवासी युवाओं को 5 और 6 हजार रुपए मासिक पगार पर इन राज्यों की कपड़ा मिलों में भेजा जा रहा है। इस तरह के एक रोजगार मेले का आयोजन आज बैतूल जिला मुख्यालय पर किया गया जिसमें कई राज्यों की 11 कंपनियों ने भाग लिया। रोजगार बोर्ड के हेमंत देशमुख व्दारा प्रेस रिलीज से मालूम होता है, अकेले बैतूल जिले मने 6 ऐसे मेले होंगे और प्रदेश के हर जिले में भी इन रोजगार मेलों का आयोजन होगा।  समाजवादी जन परिषद ने इन रोजगार मेलों को आदिवासी युवाओं को फैक्ट्री मने सस्ता मजदूर बनाकर भेजने की योजना बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की। सजप के अनुराग मोदी ने कहा कि, बड़े शर्म की बात है, कि शिवराज सरकार के 15 साल और  मोदी सरकार के चार साल में युवाओं को उनके अपने राज्य में रोजगार के नाम पर 5 और 6 हजार रुपए में उनके घरों से हजार किलो मीटर दूर भेजा जा रहा है। जबकि आई टी आई पास युवाओं को 18 हजार रुपए महीने की तनख्वाह मिलनी चाहिए और उन्हें राज्य में ही उचित नौकरी मिलनी चाहिए।

सजप की प्रदेश अध्यक्ष स्मिता ने कहा कि येेआदिवासी युवा एक बार इन फैक्टरी में पहुँच जाते है, तो फिर वहां बंधुआ बनकर रह जाते है। सजप के बैतूल जिला अध्यक्ष बंसत टेकाम ने कहा, कि आजतक यह काम फैक्टरी की तरफ से गाँव घूमने वाले दलाल यह काम करते थे, लेकिन अब सरकार खुद इस काम में लग गई है, यह बड़े दुख: और खेद की बात है। सजप ने यह भी सवाल किया कि, चुनाव सर पर है ऐसे में इन नाराज आदिवासी युवाओं को इतने दूर राज्यों में नौकरी के लिए भेज चुनाव में उसके खिलाफ पड़ने वाले वोटों को कम करना चाहती है।

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