प्रधान न्यायाधीश की महाभियोग प्रक्रिया को मीडिया से दूर रखने पर मदद मांगी

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया से मीडिया को दूर रखने के मामले में महान्यायवादी के. के. वेणुगोपाल से मदद मांगी है। संभव है कि संसद में प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ यह प्रक्रिया चलाई जा सकती है। न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि महान्यायवादी को सुनने से पहले मीडिया को प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा और कोई आदेश पारित करने से मना कर दिया।

सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए जाने के मद्देनजर विपक्षी पार्टियां महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही हैं।

एनजीओ इन परसूट ऑफ जस्टिस की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने पीठ को बताया कि विधि आयोग ने पहले ही एक रिपोर्ट दी है, जिसमें इस मुद्दे से मीडिया को दूर रखने के सुझाव दिए गए है। 

उन्होंने कहा, “ऐसा संवैधानिक प्रावधान भी है, जो मीडिया को महाभियोग पर लिखने से रोकता है क्योंकि यह न्यायाधीश को न्यायिक कार्यवाही करने में प्रभावित करेगा।”

उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों को निडर होकर काम करना होता है। राजनेता इस मामले के बारे में बात कर रहे हैं और मीडिया कवरेज कर रही है जो न्यायपालिका के कामकाज को प्रभावित कर रहा है। 

न्यायपालिका के सदस्य के खिलाफ राजनेताओं के बयानों के संदर्भ में न्यायमूर्ति सीकरी ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है। जो हो रहा है, उससे हम सब परेशान हैं। सांसदों को भी नियमों का पालन करना चाहिए।”

न्यायालय इस मामले में सात मई को सुनवाई करेगा। 

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