आदर्श घोटाला : पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण पर नहीं चलेगा मुकदमा

ashok_chauhan_congress

मुंबई: आदर्श सोसाइटी घोटाले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को बंबई उच्च न्यायालय के फैसले से बड़ी राहत मिली है। न्यायालय ने शुक्रवार को आदर्श घोटाले में चव्हाण पर मुकदमा चलाने के राज्यपाल सी.वी. राव के आदेश पर रोक लगा दी है। 

वरिष्ठ सलाहकार अमित देसाई ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) चव्हाण के खिलाफ कोई भी ताजा सबूत पेश करने में असफल रही जबकि वह राज्यपाल से चव्हाण के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांग रही थी।

फरवरी 2016 में राज्यपाल राव ने आदर्श सोसाइटी घोटाले में आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी, मानदंडों को दरकिनार करने और शक्तियों व अधिकार के दुरुपयोग सहित विभिन्न आरोपों में चव्हाण पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। 

राज्यपाल की मंजूरी को दरकिनार कर न्यायाधीश रंजीत मोरे और न्यायाधीश साधना जाधव की पीठ ने यह फैसला सुनाया।

अदालत ने यह भी माना कि सीबीआई द्वारा एकत्रित सामग्री स्वीकार्य और साक्ष्य माने जाने योग्य होनी चाहिए, जो प्रमाणित हो सके।

गौरतलब है कि राज्य के पूर्ववर्ती राज्यपाल के. शंकरनारायणन ने 2013 में चव्हाण पर मुकदमा चलाने पर रोक लगा दी थी लेकिन तीन साल बाद राव ने इसे मंजूरी दे दी। 

चव्हाण ने राज्यपाल के फैसले को ‘मनमाना’, ‘गैरकानूनी’ और ‘अन्यायपूर्ण’ करार देते हुए इसके खिलाफ एक याचिका दायर की थी, जिसे कहा गया था कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दुर्भावनापूर्ण इरादों से दी गई। 

सुनवाई के दौरान चव्हाण के वकील देसाई ने तर्क दिया कि फरवरी 2016 क फैसला ‘राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण’ था और बदल रही राजनीतिक परिस्थितियों से प्रेरित था।

आदर्श घोटाला उजागर होने के बाद चव्हाण ने नवंबर 2010 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। 

इस घोटाले में चव्हाण के अलावा तीन पूर्व मुख्यमंत्री, आईएफएस अधिकारी और अमेरिका में भारत की पूर्व उपमहावाणिज्य दूत देवयानी खोबरागड़े सहित शीर्ष नौकरशाहों के नाम उजागर हुए थे।

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More posts

Other Posts