भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बड़ा ऐलान कर दिया. उन्होंने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में फांसी का प्रावधान किया जा रहा. हमारी सरकार ये प्रावधान करने जा रही है. धर्मांतरण प्रदेश में नहीं चलने दिए जाएगा. समाज में गलत बातों को हम बढ़ावा नहीं देंगे. हम इसमें कठोरता के साथ पेश आएंगे. जोर जबरदस्ती, बहला फुसलाकर दुराचार करने वालों को हमारी सरकार छोड़ेगी नहीं. ऐसे लोगों को जीवन जीने का अधिकार नहीं देना चाहते. सरकारी महिला कर्मचारियों को 7 दिवसीय आकस्मिक अवकाश दिया जाएगा. संविदा कर्मी बहनों को प्रसूता अवकाश भी 180 दिन देने का संकल्प किया जा रहा है.
विपक्ष पर निशाना साधता हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि आज भी विरोधी कई सवाल खड़े करते है. विपक्ष बोलता रहेगा और हम बहनों के खाते में पैसे ट्रांसफर करते रहेंगे. विपक्ष ने कभी महिलाओं को राशि नहीं दी.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने का कि पूरे देश में हमारी इस योजना को लागू किया जा रहा है. बहनों को 450 रुपये में सिलेंडर भी दे रहे है. इस राशि को विपक्ष को अपनी आंखों से देखना चाहिए. सरस्वती, दुर्गाजी, लक्ष्मी मैया इन शक्तियों के बिना कुछ कल्पना नहीं की जा सकती. 2028-29 के चुनाव में स्पष्ट हो जाएगा कि बहनों को महत्व कौन देता है. यह दुनिया के लिए आदर्श उदाहरण बनेगा. आर्थिक रूप से भी मां-बहन सम्पन्न बन रही हैं. उद्योगों में बहनों को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं.
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि आज मेरे पूरे स्टाफ में महिलाएं हैं. जिस हॉस्पिटल का उद्घाटन किया वहां कि संचालिका महिला, पार्षद महिला और विधायक भी महिला थी. आजीविका मिशन से स्वावलंबन की धारा बह रही है. महिलाओं के जीवन में बदलाव आया है. लक्ष्मी की कृपया भी मातृशक्ति से आती है. भारत मातृ सत्ता को स्वीकार करता है. 50 प्रतिशत आरक्षण स्थानीय निकायों में दिया गया है.
धर्मांतरण पर सियासत
धर्मांतरण मामले में फांसी के प्रावधान किए जाने के मुख्यमंत्री मोहन यादव के ऐलान पर भोपाल की महिलाओं ने खुशी जताई है और कहा है कि यह एक बेहतर कदम है. कई बार बच्चियों को दूसरे धर्म के युवा बहला फुसलाकर या दबाव में लाकर गलत काम करते थे. इस कानून के बाद इस तरह की गतिविधियों पर लगेगा अंकुश.
वहीं इस मामले को लेकर सियासत भी गरमा गई है. कांग्रेस प्रवक्ता अवनीश बुंदेला का कहना है कि धर्मांतरण का मामला हो या फिर आदिवासी दलितों के साथ होने वाला अत्याचार, सब में कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. इस सरकार में नियम तो बन जाते हैं, लेकिन वह प्रभावी तरीके से अमल में नहीं ले जाते हैं. इसी तरह की बड़ी-बड़ी बातें कौन सी लंबी बात पिछले सीएम करते थे उसी तरह अब यह मुख्यमंत्री भी केवल बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं.
वहीं भाजपा प्रवक्ता शिवम शुक्ला का कहना है कि मध्य प्रदेश की सरकार धर्मांतरण को लेकर के मामले रोकने के लिए लगातार सरकार काम करती रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री का यह निर्णय स्वागत योग्य है इससे निश्चित तौर पर धर्मांतरण के मामलों पर लगाम लगेगा.
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